Wednesday, July 4, 2007

हलचल

ह ल च ल


- देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के कुलपति डाँ.भागीरथप्रसाद के भगीरथी प्रयासों और डाँ.बालकृष्ण पंजाबी के अथक के परिश्रम से 1857 के प्रथम स्वातंत्र्य संग्राम पर एकाग्र कार्यक्रम का एक भावपूर्ण आयोजन शहर में सम्पन्न हुआ.इस अवसर पर डाँ.पंजाबी द्वाराsसंपादित सुन्दर बुकलेट का विमोचन संपन्न हुआ.पूरे देश में संभवत: एकमात्र देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ऐसा शिक्षा संस्थान है जिसने 1857
के महानायकों का स्मरण किया.

-कला और संस्कृति क्षेत्र में सक्रिय संस्था रस-भारती ने अपने कलाकार सदस्यों द्वारा आयोजित दो हास्य नाटकों की प्रस्तुति माथुर सभागार में संपन्न हुई.

-डाँक्टर्स के की पूर्व संध्या पर शहर के डाँक्टर्स के संगीत समूह स्पंदन ने रजनीगंधा शीर्षक से एक सुरीली प्रस्तुति देते हुए शहर के मानसून फ़िज़ाँ की खु़मारी बढा़ दी.

-बच्चों में रंगकर्म के ज़रिये रचनात्मता में इज़ाफ़ा करने वाली कलाकर्मी आशा कोटिया की पहली बरसी पर एक विशेष आयोजन संपन्न हुआ.बरसों बाद ग्रीष्म -अवकाश में बच्चे आशा कोटिया का बाल नाट्य शिविर हल्लागुल्ला ख़ामोश रहा.

-एक ख़ास मेहमान आख़िर आ ही गया जिससे ज़िन्दगी की सारी हलचल फीकी ही रहती है..वे गरजे भी और बरसे भी...स्वागत मेघराज.

-रंगकर्मी श्री तपन मुखर्जी चोटग्रस्त हुए अब सीएचएल अपोलो में स्वास्थ लाभ ले रहे हैं.दादा जल्दी ठीक हो जाइये..इन्दौरनामा की दुआएं

-युवा गायिका सारिका सिंह ज़ी-टीवी के मेगा शो संगीत का विश्वयुद्द (कार्यक्रम का नाम ही बेसुरेपन की आहट देता है) के फ़ायनल पहुँची..ग्लैमर की दुनिया का अनुभव तो अच्छा रहा लेकिन शो की प्रक्रिया से हताश नज़र आईं..इसी तरह का अनुभव वाँइस आँफ़ इंडिया में आँचल खुराना का भी रहा (मत जाओ न अब ऐसे शो’ज़ में)

-रेडियो मिर्ची के बाद एडलैब्स और दैनिक भास्कर के एफ़.एम रेडियो स्टेशन की जल्द शुरू होने जा रहे हैं...इन्दौर सुरीला होगा या करकश ? वक़्त ही तय करेगा लेकिन यह तय है कि शहर में विविध-भारती सहित चार स्टेशन्स की मौजूदगी इन प्रसारण संस्थानों के लिये ज़बरदस्त चुनौती होगी वि वे अपने आप को डिफ़रेंट साबित करें

-युवा गायक राजेश पँवार ने पिछले दिनों लाइफ़ ट्युन्स के बैनर तले एक संगीत प्रस्तुति देकर शहर के साइड रिदमिस्ट परेश राजपूत के लिये धन-संग्रह किया.परेश लाजवाब कलाकार हैं और स्व.हेमंतकुमार के आर्केस्ट्रा में बजा चुके हैं और इन दिनों कैंसर रोग से पीडि़त हैं.राजेश शहर के गुणी कलाकार हैं और उनकी इस नेक ख़याली की निश्चित रूप से प्रशंसा की जानी चाहिये कि उन्होने अपने गायन के ज़रिये शहर के एक दूसरे कलाकार के लिये सहयोग का हाथ बढा़या है.(अपडेट किया 10.07.08 को )

1 comment:

स्वरांगी साने Swaraangi Sane said...

kya baat hai...indorenaama is gud...door baith jani apni vatan ki baat ...